AM Post-22 प्रियदोस्तों अगर कोई इन्सान मास्टर प्रेयर में वर्णित 121 गुणों को संतुलित नज़रिया, साधना, प्रेयर और पुरुषार्थ के साथ साथ सिमरण करते हुए स्वयं में विकसित करना चाहता है तो उस इन्सान को संतुलित नज़रिया, साधना, प्रेयर और पुरुषार्थ के साथ साथ सिमरण करते हुए अपनी शुद्ध आमदनी (कुल आमदनी - कुल खर्चा = शुद्ध आमदनी) का पांच प्रतिशत हिस्सा लोकजन कल्याणकारी कार्यों पर खर्च करना होगा। क्योंकि प्रत्येक इन्सान पर इन पांचों (सद्गुरु यानि भगवान + पिता + माता + सम्बन्धी + शिक्षक) का कर्ज़ होता है। इसलिए इन पांचों का कर्ज़ चुकाने के लिये ही हमने अपनी शुद्ध आमदनी का पांच प्रतिशत हिस्सा लोकजन कल्याणकारी कार्यों जैसे शिक्षा,स्वास्थ्य, आत्मनिर्भरता और सहभोज़ आदि पर खर्च करना लिखा और बोला है। अगर कोई इन्सान किन्हीं कारणों से अपना हिस्सा स्वयं खर्च नहीं कर सकता तो वो अपने हिस्से का पांच प्रतिशत हिस्सा हमारी वेबसाइट पर लिखे खाते में कंट्रीब्यूट कर सकता है, ताकि हम इस कंट्रीब्यूशन को लोकजन कल्याणकारी कार्यों जैसे शिक्षा,स्वास्थ्य, आत्मनिर्भरता और सहभोज़ आदि कार्यों पर खर्च कर सके। यह कंट्रीब्यूशन पूर्णतया स्वैच्छिक है और उस इन्सान के विवेक पर निर्भर करता है। 'निमित्त' 1. Please visit my website for more information and beneficial result. www.aamilmission.com 2. Please recommend my website www.aamilmission.com to your friends, relatives and familiars for their benefit. Your this action will give me energy, courage and hope to write.
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