AM-Post-3 हर इंसान के अंदर भगवान और शैतान दोनों बसते है। सत्य भगवान का प्रतीक है और झूठ शैतान का प्रतीक। इंसान का भगवान की तरफ झुकाव हो जाता है तो वह इंसान बना रहता है और इंसान का झुकाव शैतान की तरफ हो जाता है तो वह हैवान बन जाता है। अब यह उस इंसान पर निर्भर करता है कि वह इंसान बना रहता है या हैवान बन जाता है।
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Very nice post.
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